किसी भी स्कूल में बुनियादी सुविधाओं का होना बेहद जरूरी है। इसका अभाव
बाकी सारी चीज़ों को प्रभावित करता है।
इसलिए ऐसी परिस्थितियों पर संवाद का
सिलसिला जारी रहेगा, जिनमें सुधार की जरूरत और गुंजाइश है।
स्कूलों में टॉयलेट की सुविधाएं तो हैं। मगर साफ-सफाई की उपेक्षा होने के कारण ऐसी सुविधाओं का उपयोग नहीं हो पा रहा है। ऐसी परिस्थितियों में बदलाव की जरूरत है।
स्कूलों में टॉयलेट की सुविधाएं तो हैं। मगर साफ-सफाई की उपेक्षा होने के कारण ऐसी सुविधाओं का उपयोग नहीं हो पा रहा है। ऐसी परिस्थितियों में बदलाव की जरूरत है।
अगर बदलाव की
हसरत है तो ऐसे सवालों का सामना करना ही होगा। हम इनसे बच नहीं सकते। इनसे
आँख चुराकर निकल नहीं सकते। क्योंकि यह सवाल बच्चों और उनकी ज़िंदगी से
सीधे-सीधे जुड़ा है।
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